Unfaithful God




ए उपर वाले, मालिक है ना तू,
मगर हम तो तेरी नौकरी है,
दुआ बांटना तेरा काम।
इंसान जानवर सा लड़े,
फिर भी तू न रोके उसे
शायद यह काम मैं तेरा नाम नहीं।

जंगल यह जलता है, 
क्यों तेरी बुख नही मिटती,
शायद यह वाली धरती पर
तेरी उतनी बात भी चलती

कभी तेरे नाम पर 
कभी वतन के वास्ते ,
ना जाने कितने भूले भटके
लौटे न घर के रास्ते।

तेरे इस मज़ाक ने
इंसान को इंसान से भिड़ा दिया,
तू क्या बनेगा नाशक इसका
इसने सूरज जमीन पर गिरा दिया।

इसमें तेरी कोई गलती नहीं
यह कह कर खुद को फुसला देना,
हो सके तो मेरी यह नज़्म
अपने मालिक तक पहुंचा देना।

Comments

Popular Posts