Dew and A Bud



बारिशों की नार्मियो मे 
बाघ की पत्तियों पे,
इंतजार कर रही है वोह
ओस की बूंदे
दीदार कर रही है वोह।।

सुबह की किरणों को
कटाश से मुड़ाया है,
मलमल आसमा को
धुए से चमकाया है,
हरी की चादर को
सितारों से सजाया है,
सोते भंवरों को,
नींद से उठाया है।।

हृदय की बातो में 
सर्द की रातों में ,
इंतजार कर रही है वोह
गुलाब की कली 
दीदार कर रही है वोह।।

प्रेमी आशिको ने
जंग की तलवार बनाया है,
किस्मत को नापने का
पेयमन बताया है,
मधु के लालक को
इत्र से डुबाया है,
ओस की बूंदों ने
कलियो को नहलाया है।

तन्हाई के संग में
हरी के रंग में,
इंतजार कर रही है वोह
जमीन 
दीदार कर रही है वोह।।

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